यही नहीं बिल्हा एस दी एम इस अविकसित कालोनी के सामने से ही अपने बिलासपुर निवास से सरकारी वाहन में रोज आना जाना करती हैं, फिर भी उन्होंने कालोनी विकास की कोई जानकारी लेना उचित नहीं समझा, जबकि अपने दिए कालोनाय्जर्स रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र दिनांक 21 / 0 9 / 2009 के कंडिका 5 में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि आंतरिक और बाह्य विकास के बाद ही कलोनाय्जर किसी भूखंड का विक्रय कर सकता है.
2.
सोसाईटी प्रतिवादिनी द्धारा अपने समर्थन में कागज सं0-164सी / 3 सत्यप्रतिलिपि नवीनीकरण प्रमाणपत्र भक्त कुशवाहा पंचायती सभा, प्रयाग, कागज सं0164सी/5 सोसाईटी नवीनीकरण प्रमाणपत्र भक्त कुशवाहा पंचायती सभा प्रयाग प्रस्तुत किया है जिसकी रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र सं0-54/1956-57 अंकित है दोनों ही सत्यप्रतिलिपियॉ है इसके अतिरिक्त कागज सं0-236ग/3 सत्यप्रतिलिपि वादपत्र मूलवाद सं0-616/1979 न्यायालय मुन्सिफ पश्चिमी इलाहाबाद प्रस्तुत की है जिसमे लवकुश विद्यालय प्रबन्ध समिति के अतिरिक्त भक्त कुशवाहा पंचायती सभा हिम्मतगंज इलाहाबाद वादी के रूप में अंकित है तथा प्रतिवादी के रूप में प्रस्तुत वाद के वादी एवं उनके भाई अंकित है।
3.
जबकि विपक्षी सं0-1 द्वारा अपने मौखिक साक्ष्य में भी यह स्वीकार किया गया है कि उसके पास प्रश्नगत वाहन के सभी दस्तावेज वैध थे और जिसके संबध में विपक्षी सं0-1 द्वारा सूची 21ग1 से 22ग1 रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र, 23ग1 किराये की. 8. गाड़ी परमिट का फार्म भाग-ख, 24ग1 अतिरिक्त कर अदायगी प्रमाणपत्र फार्म-एच और 25ग1/1 ता 25ग1/4 बीमा प्रमाणपत्र, 26ग1 प्रदषण नियंत्रण जॉच प्रमाणपत्र, 28ग1 प्रारूप-6, चालन अनुज्ञप्ति का प्रारूप श्री हिमांशु ज्ञाला दाखिल किए है, जिससे यह स्पष्ट है कि दुर्घटना की तारीख को वाहन स्वामी अथवा चालक के पास वैध डी0एल0, परमिट, फिटनेस प्रमाणपत्र उपलब्ध थे।